प्राथमिक विद्यालय खानपुर टोला बरहवां में दो शिक्षक अनुपस्थित, बीईओ ने जांच और कार्यवाही का दिया आश्वासन
महराजगंज ,घुघली ब्लॉक
ग्राम सभा खानपुर टोला बरहवां स्थित प्राथमिक विद्यालय में शासन के निर्देशों के बावजूद दो शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। विद्यालय में वर्तमान समय में तीन शिक्षक और एक शिक्षिका की तैनाती है। शासनादेश के अनुसार विद्यालय में केवल शिक्षकों को ही उपस्थित रहना है, जबकि बच्चों को विद्यालय नहीं बुलाया जाना है। विद्यालय संचालन का समय सुबह 7:45 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित है।
गुरुवार को जब विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया तो सुबह लगभग 9:34 बजे केवल दो व्यक्ति ही विद्यालय में उपस्थित मिले—प्रधानाध्यापक और एक शिक्षा मित्र। वहीं शिक्षक आदर्श मिश्रा और शिक्षिका रीना भारती मौके से अनुपस्थित थीं। चौंकाने वाली बात यह रही कि अनुपस्थिति के संबंध में प्रधानाध्यापक को किसी प्रकार की पूर्व सूचना या अवकाश आवेदन प्राप्त नहीं हुआ था।
खण्ड शिक्षा अधिकारी को दी गई सूचना
इस लापरवाही की जानकारी जब खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) घुघली को फोन पर दी गई तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि "मौके की जांच कराई जाएगी और अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
शासनादेश की हो रही अनदेखी
कोरोना संक्रमण और अन्य प्रशासनिक कारणों के मद्देनज़र राज्य सरकार ने शिक्षकों को विद्यालयों में नियमित रूप से उपस्थित रहने का निर्देश जारी किया है, जबकि छात्रों को फिलहाल विद्यालय नहीं बुलाया जा रहा है। ऐसे में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य मानी गई है, ताकि शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्य बाधित न हो। बावजूद इसके, कुछ शिक्षक अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
विद्यालय की स्थिति को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों में नाराजगी व्याप्त है। उनका कहना है कि बच्चों की पढ़ाई पहले ही काफी प्रभावित हो चुकी है और अब शिक्षक स्वयं गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं। यदि समय रहते ऐसी लापरवाहियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ेगा।
कार्रवाई की उठी मांग
ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाए और विद्यालयों की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। शिक्षा व्यवस्था की साख बनाए रखने के लिए लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है।
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाने वाली जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और क्या अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाता है।
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